संसाधन/Resource.
[Audio] 1. परम्परागत ऊर्ाा :- परंपरागत ऊर्ाा स्रोत वे स्रोत हैं जर्नका उपयोग ऊर्ाा प्राप्त करने के जिए सदियों से दकया र्ा रहा है। ये स्रोत मुख्य रूप से र्ीवाश्म ईंधन हैं, परम्परागत ऊर्ाा के स्रोतों के अत्यजधक उपयोग से इनके समाप्त होने का खतरा है। र्ैसे कोयिा, पेट्रोजियम और प्राकृजतक गैस, साथ ही परमाणु ऊर्ाा और र्ि ऊर्ाा.
[Audio] परम्परागतउर्ााकेस्रोतगैरपरम्परागतउर्ााकेस्रोत कोयिा सौरउर्ाा पेट्रोजियम पवनउर्ाा प्राकृजतकगैस भू-तापीयउर्ाा नाभकीयउर्ाा ज्वारीयउर्ाा अनवीकरणवीय नवीकरणवीय.
[Audio] कोयिा प्राय: गोंडवाना चट्टानों में पाया र्ाता है | यह एक र्ीवाश्म ईंधन है | -: कोयिा चार प्रकार का होता है :- 1. एन्थ्रेसाइट 2. जिटुजमनस 3. जिग्नाइट 4. जपट कािान मात्रा – 80-95% कािान मात्रा – 55-65% कािान मात्रा – 45-55% कािान मात्रा – 30-45% जिटुजमनस भारत में सिसे ज्यािा मात्रा (80%) में पाया र्ाने वािा कोयिा है |.
[Audio] 1. चीन 2. USA भारत के कोयिा उत्पािक क्षेत्र 3. भारत िामोिर निी घाटी गोिावरी निी घाटी सोन निी घाटी महानिी घाटी.
[Audio] भारत का सवााजधक कोयिा उत्पािक क्षेत्र िामोिर निी घाटी (झारखण्ड) (प. िंगाि) झररया रानीगंर् िोकारो वीरभूम रामगढ करनपुरा जगररडीह भारत में कोयिे की सिसे िड़ी खान.
[Audio] महानिी निी घाटी (छतीसगढ़) (ओजड़सा) कोरिा तािचर जवश्रामपुर सििपुर सोहागपुर.
[Audio] गोिावरी निी घाटी (तेिंगाना ) ससंहरेनी. गोिावरी निी घाटी (तेिंगाना ) ससंहरेनी.
[Audio] सोन निी घाटी (U.P.) (M.P.) सोनभद्र उमररया.
[Audio] तृतीयक काि की अवसािी चट्टानों से इसे कािा सोना भी कहते है | पहिी खोर् – 1860 मागेररये (असम) पेट्रोजियम उधोग की शुरुआत – 1869 जडग्िोई (असम) Oil and Natural Gas Corporation Limited (ONGC) - 14 AUGUST 1956 Oil India Limited (OIL) - 18 FEBRUARY 1959.
[Audio] असम िेजसन सुरमा नाहरकरटया जडग्ग्िोई 1 3 नवगांव अिंकेश्वर खंभात 2 असम िेजसन सुरमा नाहरकरटया जडग्ग्िोई.