ADITYA PRAKASH JALAN TEACHERS TRAINING COLLEGE KUDLUM, RANCHI SESSION :2021-2023 EPC-3 –PPT ON PHYSICAL SCIENCE (MAGNET).
चुम्बक. जिस पदार्थ में लोहे को आकर्षित करने के गुण पाये जाते हैं तथा स्वतंत्रता पूर्वक लटकाए जाने पर हमेशा भौगोलिक उत्तर दक्षिण दिशा में ठहरता है, चुम्बक कहलाता है।.
चुम्बक की खोज. प्राचीन यूनान की घटना है। एक गडरिया था। उसका नाम था मैंग्नस। वह पहाड़ पर भेड़ों और बकरियों को चराने जाया करता था। उसके हाथ में एक छड़ी रहती थी जिससे वह अपने जानवरों कौन नियंत्रित करता था। छड़ी के सिर पर लोहे की टोपी थी। एक दिन उसने अपनी छड़ी को चट्टान पर रख दिया। बाद में छड़ी उठाने में उसे जोर लगाना पड़ा। इससे वह आश्चर्यचकित हो गया। पता चला कि चट्टान एक प्राकृतिक चुम्बक है जो छड़ी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। इस प्रकार प्राकृतिक चुम्बक की खोज हुई और गैर गडेरिये के नाम पर चुम्बक को मैग्नेटाइट कहा गया । बाद में प्रयोगों से ज्ञात हुआ कि ये पत्थर लोहे के आक्सााइड( Fe 2 O 3 ) से बने होते है। आज इसको चुम्बक कहा जाता हैं। चुम्बक के गुणों को चुम्बकत्त्व कहते हैं ।.
चुम्बक के प्रकार चुम्बक. प्राकृतिक चुम्बक कृत्रिम.
प्राकृतिक चुम्बक. वह चुम्बक जो प्रकृति से प्राप्त अयस्क Fe 3 O 4 जिसे मैग्नेटाइड कहते हैं से बनी होती है वह प्राकृतिक चुम्बक कहलाती है । प्राकृतिक चुम्बक अनियमित तथा अनिश्चित आकार के होते हैं । इनका चुम्बकत्त्व बहुत कम होता है। अत: इसका प्रयोगिक कार्य में उपयोग नहीं करते हैं ।.
कृत्रिम चुम्बक. वे चुम्बक जो मानव चुम्बक द्वारा निर्मित किए जाते हैं कृत्रिम चुम्बक कहलाते हैं । इनकी आकृति किसी भी प्रकार की रखी जा सकती हैं। जैसे-छड़ चुम्बक , रिंग चुम्बक , नाल चुम्बक , बेलनाकार चुम्बक ।.
कृत्रिम चुम्बक के प्रकार कृत्रिम चुम्बक. स्थायी चुम्बक.
विद्युत चुम्बक. किसी विद्युत रोधी पदार्थ पर तांबे के तार लपेट कर एक कुण्डली का निर्माण किया जाता है । जब इसमें विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो यह चुम्बक की तरह व्यवहार करती हैं । जिसे हम विद्युत चुम्बक कहते हैं ।.
चुम्बकीय क्षेत्र. चुम्बक के आस - पास का वह क्षेत्र जहाँ तक वह किसी दूसरे चुम्बक को आकर्षित या प्रतिकर्षित कर सकता है , उसे उस चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र कहते हैं । तथा इस प्रभाव को चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं । यह एक राशि है जो दूरी के साथ कम होती जाती है । इसकी इकाई न्यूटन - गीएए या बेबर / मी 2 होती है । इसका SI मात्रक टेस्ला होता है । 1 टेस्ला =10 4.
चुम्बक के गुण. 1. यह चुम्बकीय पदार्थ जैसे लोहा निकेल , कोबाल्ट को अपनी ओर आकर्षित करता है । 2. स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर चुम्बक सदैव उत्तर - दक्षिण दिशा में ही ठहरता है । 3. चुम्बक के अंदर प्रत्येक सिरे के निकट एक ऐसा बिंदु पाया जाता है जहाँ चुम्बकत्व सार्वधिक होता है ,इसे चुम्बकीय ध्रुव कहते हैं । 4. चुम्बक के दो ध्रुव उत्तरी छ ध्रुव व दक्षिणी ध्रुव होते हैं । 5. चम्बक के समान ध्रुव आपस में प्रतिकर्षित तथा असमान ध्रुव आपस में आकर्षित होते हैं । 6. चुम्बक को गर्म करने पर , पीटने पर , या घिसने पर उसका चुम्बकत्व नष्ट हो सकता है । 7. जब हम किसी चुम्बक को तोड़ते है तो प्रत्येक टुकड़ा एक चुम्बक की भाँती कार्य करता है ।.
चुम्बक की उपयोगिता. 1.मैग्नेटिक सेपेरेशन की विधि से अपशिष्ट से स्टील और लौह जैसे उपयोगी चुम्बकीय पदार्थ को अलग करने के लिए एक चुम्बक का उपयोग किया जाता है । 2. लोहे को पहचानने में चुम्बक का उपयोग किया जाता है । 3. चुम्बक कंपास बनाने में जिसका उपयोग दिशाओं को खोजने के लिए जंगल और समुद्र में नाविकों द्वारा किया जाता है । 4. चुंबकों के अनुप्रयोगों में इलेक्ट्रिक मोटर , दरवाजे की घंटी , पंखा कपड़े होने की ब मशीन , टेलीविजन , विद्युत जनरेटर और विभिन्न प्रकार के खिलौने जैसे विभिन्न उपकरण शामिल हैं ।.
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