शिक्षा विभाग वसंत महिला महाविद्यालय राजघाट,वाराणसी.
विषय- सूची • अर्थ एवं परिभाषाएं • महत्व • उद्देश्य • स्रोत एवं सामग्री • ध्यातव्य बिन्दु.
अर्थ एवं परिभाषाएं ‘ मौखिक’ मूल शब्द ‘मुख’ के साथ ‘इक’ प्रत्यय लगाकर बना है। ‘मौखिक’ का अर्थ हुआ - मुख से सम्बन्धित। ‘अभिव्यक्ति का अर्थ है , अपनी बात को दूसरों के सामने प्रकट करना।.
जब व्यक्ति ध्वनियों के माध्यम से मुख के अवयवों की सहायता लेकर उच्चरित भाषा का प्रयोग करते हुए अपने विचारों को प्रकट करता है तो उसे मौखिक अभिव्यक्ति कहा जाता है ।.
महत्व * मौखिक भाषा ही अभिव्यक्ति का सहज व स रलतम माध्यम है। * व्यक्ति के व्यक्तित्व का सुन्दर विकास मौखिक भाषा के विकास पर ही निर्भर होता है। * विचारों के संप्रेषण एवं अध्यापन में मौखिक अभिव्यक्ति का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। *मौखिक अभिव्यक्ति द्वारा अनुकरण और अभ्यास के अवसर बराबर मिलते हैं। * व्यावहारिक जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मौखिक भाषा का विकास किया जाना परम आवश्यक है।.
* वर्तमान प्रजातांत्रिक समाज में अपने विचारों को औरों तक पहुँचाने के लिए हमारे अन्दर बोलने में कुशलता का होना आवश्यक है। *मौखिक अभिव्यक्त विभिन्न व्यवसायों में अत्यधिक सहायक है, जैसे – फिल्म उद्योग, नाट्य कला, विज्ञापन, क्रय-विक्रय आदि।.
मौखिक अभिव्यक्ति शिक्षण कौशल के उद्देश्य- * जो ज्ञान अध्ययन और अनुभवों के परिणामस्वरुप अर्जित किया जाता है, उसे मौखिक रुप से व्यक्त करने की योग्यता उत्पन्न करना । * अर्जित ज्ञान को शुद्ध उच्चारण एवं उपयुक्त आरोह-अवरोह, बलाघात, यति,गति,अनुतान,विराम चिन्ह,हाव-भाव आदि का ध्यान रखते हुए मौखिक रूप से अभिव्यक्त करने की कुशलता प्राप्त करना।.
मौखिक आभिव्यक्ति कौशल के स्रोत एवं सामग्री – • कहानी – कहानी के द्वारा बालक के अंदर जिज्ञासा और रुचि का विकास किया जा सकता है ।इसके माध्यम से विद्यार्थी का मनोरंजन भी होता है साथ ही कल्पना शक्ति का भी विकास किया जा सकता है।.
• भाषण – मौखिक अभिव्यक्ति म ें भाषण का भी महत्व है इसके द्वारा शुद्ध उच्चारण एवं प्रभावपूर्ण वक्तृता का विकास किया जा सकता है।.
• नाटक – नाटक द्वारा भाव ा भिव्यक्ति का अच्छा अभ्यास हो जाता है । रंगशाला में बालक को आ ंगिक वाचिक एवं भाव ों के अभिनय की दीक्षा सफलतापूर्वक मिल सकती है ।.
चित्र वर्णन - मौखिक अभिव्यक्ति के लिए चित्र वर्णन सर्वोत्तम विधि है।प्रायः छोटे बच्चे चित्र देखने में रुचि रखते हैं , अतः किसी भी चित्र को दिखाकर बच्चों से चित्र वर्णन कराना चाहिए।.
• अन्त्याक्षरी – अंत्याक्षरी मौखिक अभिव्यक्ति का उपयोगी साधन है , समय-समय पर विद्यार्थियों में शब्द - अर्थ ,कहावत, मुहावरे एवं गीत तथा कविता के द्वारा शब्द भण्डार का विकास किया जा सकता है।.
• प्रश्नोत्तर • सस्वर वाचन • कम्प्यूटर/भाषा प्रयोगशाला.
मौखिक अभिव्यक्ति कौशल के विकास हेतु ध्यातव्य बिन्दु – • कक्षा में बच्चों से जब भी शिक्षक कोई प्रश्न पू छे तो विद्यार्थी को पूर्ण वाक्य में बोलने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। • विद्यार्थियों को प्रारंभ से ही भाषा के सर्वमान्य रूप से परिचित कराया जाना चाहिए जिससे वे वाक्य रचना में शुद्ध एवं स्पष्ट शब्दों का प्रयोग कर सकें । • विद्यार्थियों को अधिकाधिक उच्च कोटि की साहित्यिक पुस्तकें पत्र-पत्रिकाएं आदि पढ़ने के लिए प्रेरित भी करना चाहिए। • कक्षा में पढ़ाए गए पाठ का मौखिक सार देने को कहना चाहिए। •पढ़ाए गए पाठ का रुचिकर अंश बोलने को कहना चाहिए।.
सन्दर्भ : पाण्डेय, रामशकल (2010)॰ हिन्दी-शिक्षण, आगरा : अग्रवाल पब्लिकेशन्स ॰ दुबे, सत्यनारायण(2011)॰सरल हिन्दी-भाषा-शिक्षण, इलाहाबाद : शारदा पुस्तक भवन https://youtu.be/-IQm_UftlC4 https://youtube.com/watch?v=ER3-57xIsww&feature=share https://photos.app.goo.gl/oxnSRkYZiCFEC1Tk6 https://youtube.com/watch?v=ARy4DUEGRic&feature=share https://youtube.com/watch?v=CNtOg4DISgo&feature=share.