[Audio] सम्मान की सीख. सम्मान की सीख.
[Audio] जंगल के बीचों-बीच एक बड़ा सा तालाब था। तालाब के पास सभी जानवर रहते थे और वहाँ की हरियाली और शांति का आनंद लेते थे। एक दिन, तालाब के किनारे एक खरगोश, एक कछुआ, और एक मोर बैठे बातें कर रहे थे।.
[Audio] खरगोश बोला, "देखो, मैं कितना तेज दौड़ सकता हूँ! कोई भी जानवर मुझसे आगे नहीं निकल सकता।".
[Audio] कछुआ मुस्कुराते हुए बोला, "तेज़ दौड़ना अच्छी बात है, लेकिन हमेशा तेज़ी से काम करना ही सबकुछ नहीं होता।".
[Audio] मोर अपनी सुंदर पंख फैलाते हुए कहने लगा, "सभी की अपनी-अपनी खूबियाँ होती हैं। देखो, मैं उड़ नहीं सकता, लेकिन मेरे पंखों की खूबसूरती सबकी नजरें खींच लेती है।".
[Audio] तभी वहां एक बूढ़ा हाथी आया। उसने सबकी बातें सुनी और गंभीर आवाज़ में कहा, "हर किसी की अपनी विशेषता होती है, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि हमें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। तुम सबको अपनी-अपनी खूबियों पर गर्व होना चाहिए, लेकिन एक-दूसरे की ताकतों का भी आदर करना चाहिए।",.
[Audio] खरगोश, कछुआ, और मोर ने सिर हिलाकर हाथी की बात मानी और सभी ने मिलकर एक-दूसरे की खूबियों की तारीफ की।.
[Audio] *कहानी की सीख:* हर किसी की अपनी विशेषता होती है। हमें अपनी ताकतों पर गर्व करना चाहिए, लेकिन दूसरों का भी सम्मान करना बहुत ज़रूरी है।.
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