BBAU. BBAU. WATER POLLUTION. Presented by Sonam oraon b.Ed iv sem. Roll no.206987.
) जल के अवयवों में बाहरी तत्व प्रवेश कर जाते है तो उनका मौलिक संतुलन बिगड़ जाता है। इस प्रकार जल के दूषित होने की प्रक्रिया या जल में हानिकारक तत्वों की मात्रा का बढ़ना जल प्रदूषण कहलाता है तथा ऐसे पदार्थ जो जल को प्रदूषित करते हैं जल प्रदूषक ( water pollutant) कहलाते हैं। जल प्रदूषण को मुख्यतः मनुष्य द्वारा अपने क्रियाकलापों से उसके प्राकृतिक, रासायनिक और जैविक घटकों में धीरे-धीरे कमी पैदा करने वाले कार्यों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। जल अवयवों की गुणवत्ता का कम होना पिछले कुछ दशकों से लगातार बढ़ रहा है तथा औद्योगिक एवं कृषि क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों की वृद्धि से जल प्रदूषण की समस्या अधिक विषम और गंभीर हो गई है। जल प्रदूषिण जैसी पर्यावरण संबंधी समस्या, जल स्रोतों में औद्योगिक इकाइयों द्वारा अनियंत्रित अपशिष्ट बहाने के कारण उत्पन्न हुआ है।.
जल प्रदूषित होने से मनुष्य केवल रोगग्रस्त ही नहीं होते वरन भूमि की उत्पादन क्षमता में गिरावट होने से कृषि उत्पादन में भी कमी आती हैं. जल प्रदूषण के विभिन्न स्रोत इस प्रकार हैं. घरेलू अपमार्जक वाहित मल औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ कीटनाशकों का प्रयोग ताप एवं आण्विक बिजलीघर आदि के प्रयोग से निकलने वाला प्रदूषित जल आदि.
जलीय प्रदूषण से जलीय पौधों व जन्तुओं की वृद्धि रूकने व इनकी मृत्यु हो जाने के साथ साथ भूमि की सतह पर जल अवरोधी सतह बन जाने से भूमिगत जल के स्तर में कमी आती हैं. उद्योगों से निकलने वाले दूषित जल को उपचारित कर उद्योगों में पुनः काम लिया जाना चाहिए..
सागरीय जल का प्रदूषण. सागरीय जल का प्रदूषण निम्न स्रोतों से होता हैं..
सागरीय जल का प्रदूषण.
पारे द्वारा प्रदूषित जल के उपयोग से मिनिमाटा रोग हो जाता हैं..
जल प्रदूषण का नियंत्रण. निम्नलिखित उपाय जल प्रदूषण के नियन्त्रण हेतु कारगर हो सकते हैं.
राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना. देश में नदी संरक्षण कार्यक्रम 1985 में गंगा एक्शन प्लान के साथ प्रारम्भ किया गया था. वर्ष 1995 में इसका विस्तार करते हुए इसे राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना का रूप दिया गया तथा अन्य नदियों को भी इसमें कवर किया गया था..
नदी के किनारे नवीकरण. दिनांक 31 जुलाई 2014 की अधिसूचना के अनुसार गंगा व इसकी सहायक नदियों से सम्बन्धित कार्य जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय को आवंटित किया गया हैं..
झीलों का संरक्षण. इसके तहत 14 राज्यों में 63 झीलों के संरक्षण के लिए परियोजनाओं को मंजूरी दी गई हैं. बड़ी परियोजनाएं जिन पर वर्तमान में कार्य चल रहा हैं, निम्न हैं..
नमामि गंगे.
Dhanyawaad.