मंगल करण, विध्न हरंण, गौरी पुत्र गणेश। रिद्धी सिद्धी संग विराजे, ब्रह्मा, विष्णु, महेश ॥

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मंगल करण, विध्न हरंण, गौरी पुत्र गणेश। रिद्धी सिद्धी संग विराजे, ब्रह्मा, विष्णु, महेश ॥.

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नमस्कार.

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आयुष्मान. विशाल. . सुपौत्र : स्व. श्रीमती तेजाबाई- स्व. अर्जुन प्रसाद जी राय.

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आयुष्मत्ति. सोनम. सुपौत्री : स्व. श्रीमति तिज्जा बाई - स्व. श्री बाबूलाल राय.

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ढोलक की धापर पर झूमेंगे आप. और हम गाऐंगे गीत जब होगा.

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हरा भरा रहे मण्डप हमारा,बैठो. विष्णु, लक्ष्मी, पूजन करें तुम्हारा.

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॥ बंधन में बंध जायेंगे, मेंहदी वाले हाथ ॥. अग्नि होगी साक्षी, फेरे होंगे सात.

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परिणय स्थल:—. प्रस्नर गार्डन. फेस 1, फेस 2, टीले के पास,.