T h e G a m e O v e r Presented.
[Audio] ईसाई दर्शन में धर्म और बादलता एक आवश्यक भाग है। हमारे समाज में कई धर्मों को स्वीकार किया जाता है, तथा कई धर्मों को नहीं। प्रधानमंत्री के अनुसार, CPM आरक्षण देशों के विविध भागों में धर्म के क्षेत्र में बदलाव का स्वीकार करने के लिए गया है। इसे केंद्र सरकार द्वारा किया गया है और Ankit Kumar Sharma द्वारा गया है।.
[Audio] राजा कुमार, Devikum के रूप में 15वीं Kla के लोगों द्वारा चुना गया है और वह 2021 में मतदान के द्वारा 2 मई को चुना गया है जो केन्द्रीय भारतीय कॉम्मूनिस्ट पार्टी का नेता है।.
[Audio] केरल हाईकोर्ट ने 20 मार्च को ए राजा की विधायकी रद्द की है और दलित हिंदू से धर्म बदलकर ईसाई और मुस्लिम बनने वाले लोगों को आरक्षण का लाभ मिलता क्यों नहीं है, इस पर जानने के लिए केंद्र सरकार का आयोग बनाना आवश्यक हो गया है।.
[Audio] दलित समुदायों को पहचान और आरक्षण मिलने के लिए केंद्र सरकार ने एक आयोग बनाया है और इससे सम्बंधित मामलों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। हम आप सभी से अनुरोध करते हैं कि आप इसको समझ लें।.
[Audio] हाईकोर्ट अब केरल विधानसभा में ताकत के 98 रहने की तरफ अपना फैसला किया है। कुछ दलित लोग धर्म बदलकर मुस्लिम और ईसाई बनने की बात कर रिजर्वेशन का लाभ उठाने की चाहत रखते हैं। केंद्र सरकार ने ऐसे मानने से इनकार कर अपने आयोग की मांग की है जिसके द्वारा इस विषय पर जानकारी होगी।.
[Audio] धर्मांतरण के बाद दलित मुस्लिम और ईसाईयों को अनुसूचित जाति के तौर पर आरक्षण का आधार मुख्यत्व रखने के लिए केंद्र सरकार 6 अक्टूबर 2022 को एक आयोग गठित की गई है। आयोग में कुल 3 सदस्य हैं, जिनके बारे में आप पहले ही सुना चुके हैं।.
[Audio] कई नेताओं द्वारा 1950 से अछूत माने जाने वाले कई जातियों को अनुसूचित जाति का दर्जा मिला था, लेकिन 1990 में यह विवरण बदलकर बौद्ध और अन्य धर्मों को शामिल किया गया तो, उससे आज धर्म बदलकर मुस्लिम और ईसाई बन चुके लोगों को अनुसूचित जाति का दर्जा नहीं मिल पाता है। इसके कारण, आरक्षण के लाभ से विशेष रूप से उन्हें प्रावधान के अनुसार सुविधा ही नहीं मिलती है, बल्कि उन्हें असुविधा भी उठानी पड़ती है।.
[Audio] राष्ट्रपति आदेश, अनुच्छेद 25 के खंड 2(B) तक के आधार पर, देश के संवैधानिक परिवेश के अनुसार केंद्र सरकार ने धर्म बदलकर मुस्लिम और ईसाई वर्गों को आरक्षण का लाभ देने के लिए 3 तर्क दिए हैं। 1955 में संशोधित अनुच्छेद 25 में सिख वर्ग शामिल किया गया और 1990 में संशोधित अनुच्छेद 25 में बौद्ध वर्ग शामिल किया गया है। हालांकि, अभी भी जैन वर्ग को अनुसूचित जाति का दर्जा नहीं मिला है।.
[Audio] अक्टूबर 2004 में, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा ने सरकार को एक आयोग बनाने का विरोध किया था। यह आयोग देश में भाषा और धर्म आधारित अल्पसंख्यकों के विविध मुद्दों को जांचने के लिए सौंपा जाता था। रंगनाथ मिश्रा आयोग ने रिपोर्ट में कहा कि, राष्ट्रपति 1950 में दलित मुस्लिमों, ईसाइयों को अनसूचित जाति के दायरे से बाहर करने का असंवैधानिक आदेश जारी किया गया था और इसका खत्म होना चाहिए। ऐसे में किसी संविधान संशोधन की जरूरत नहीं है, ये काम एग्जीक्यूटिव ऑर्डर से भी हो सकता है।.
[Audio] सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को जांच के लिए आयोग का गठन किया और दोनों तरह के आरक्षण मुस्लिम और ईसाई दलितों के लिए आवश्यक समझे गए थे। पर अर्थव्यवस्था और दृष्टिकोण के हिसाब से भी प्रत्येक दलित श्रेणी को आरक्षण मिलना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। तो, केंद्र सरकार ने अलग से आयोग का गठन कर दिया और इस मामले में आयोग ही फैसला करेगा। लेकिन आयोग का फैसला दोनों तरह के दलितों को हक देने के लिए नहीं है, यह कुछ और है जो सरकार की राजनीति है।.
[Audio] मुस्लिम और ईसाई धर्म में शामिल होने वालों को रिजर्वेशन देना अच्छा नहीं है। जातिगत भेद भाव से आरक्षित दलितों को इन दोनों धर्मों में शामिल होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि दलितों को रिजर्वेशन मिलना आरक्षण की मूल भावना के विरुद्ध है। इसलिए उन्हें रिजर्वेशन नहीं देना चाहिए।.
[Audio] दलित वर्ग को धार्मिक अल्पसंख्यकों के द्वारा शिक्षण संस्थानों में शिक्षा देने को अनुच्छेद 30 के तहत अनुमति दी गई है। इसमें अल्पसंख्यकों को कई क्षेत्रों में सहायता दी गई है और राष्ट्र में धर्मांतरण बढ़ने को रोकने के लिए हमें अलगाव से भारी अंतर नहीं आने देने के लिए प्राणी समाज में दोहरा लाभ देने से बचना आवश्यक है। प्राकृतिक अधिकारों को उल्लंघन नहीं किया जाएगा और ऐसा संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं होगा।.
[Audio] हम आपको CPI(M)/CPIM/CPM के बारे में बता रहे हैं, यह कम्युनिस्ट राजनीतिक पार्टी भारत में है। आपका मेहनती धन्यवाद।.